भारत सरकार ने 2025 में राशन कार्ड प्रणाली में कई अहम बदलाव किए हैं ताकि फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सके और सहायता केवल असली ज़रूरतमंद परिवारों तक पहुंचे। नई व्यवस्था के तहत डिजिटल वेरिफिकेशन, आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी को अब अनिवार्य बना दिया गया है।
नया क्या है इस बार
पहले लाभार्थियों को केवल गेहूं और चावल दिया जाता था, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर कुल 8 ज़रूरी खाद्य वस्तुएँ करने का निर्णय लिया है। इन वस्तुओं में दाल, तेल, नमक, शक्कर और अन्य रोज़मर्रा की चीज़ें शामिल होंगी।
इसके अलावा, पात्र परिवारों को प्रति व्यक्ति 7 किलो राशन और हर महीने ₹1000 की नकद सहायता भी सीधे बैंक खाते में डीबीटी के ज़रिए दी जाएगी।
डिजिटल सत्यापन और ई-केवाईसी जरूरी
सभी राशन कार्डधारकों को अब ई-केवाईसी अपडेट करना होगा। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उनके कार्ड निलंबित या निष्क्रिय हो सकते हैं।
यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि डुप्लिकेट कार्ड और फर्जी लाभार्थियों को सिस्टम से हटाया जा सके।
राशन लेते समय बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन भी जरूरी होगा ताकि हर ट्रांजेक्शन पारदर्शी और सुरक्षित रहे।
लाभार्थियों को अपने आधार कार्ड को बैंक खाते और मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य है ताकि सरकारी सब्सिडी या आर्थिक सहायता सीधे खाते में पहुँचे।
जिनका नाम हटेगा राशन कार्ड से
सरकार ने स्पष्ट किया है कि कार्ड पर केवल वास्तविक परिवार के सदस्य ही रहेंगे।
- जो सदस्य शादी के बाद अलग रह रहे हैं,
- दिवंगत हो चुके हैं, या
- किसी अन्य स्थान पर स्थायी रूप से बस गए हैं,
उनके नाम राशन कार्ड से हटा दिए जाएंगे।
अगर कोई व्यक्ति लगातार 3 महीने से अधिक समय तक राशन नहीं लेता, तो उसका कार्ड अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है।
महिला मुखिया को प्राथमिकता
नई व्यवस्था में उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके राशन कार्ड पर महिला का नाम मुखिया के रूप में दर्ज है।
ऐसे परिवारों को सभी लाभ पहले मिलेंगे।
सरकार का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना और आर्थिक निर्णयों में महिलाओं की भूमिका को मजबूत बनाना है।
महिला मुखिया वाले पात्र परिवारों को हर महीने ₹1000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।
वन नेशन वन राशन कार्ड: हर राज्य में सुविधा
नए नियमों के तहत One Nation One Ration Card योजना को पूरे देश में लागू किया जा रहा है।
इससे लाभार्थी देश के किसी भी राज्य में जाकर अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे — चाहे वे प्रवासी मजदूर हों, छात्र हों या नौकरीपेशा लोग।
डिजिटल पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) मशीनों के माध्यम से हर ट्रांजेक्शन ऑनलाइन रिकॉर्ड होगा।
लाभार्थी अपने मोबाइल पर एसएमएस के जरिए राशन की मात्रा और लेनदेन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
यह सिस्टम पूरी तरह पारदर्शी और यूज़र-फ्रेंडली बनाया गया है ताकि भ्रष्टाचार और ब्लैक-मार्केटिंग पर रोक लग सके।
सरकार का उद्देश्य
इन नए नियमों का मकसद है —
- असली ज़रूरतमंद परिवारों को लाभ देना,
- राशन वितरण को डिजिटल और पारदर्शी बनाना,
- फर्जीवाड़े और बिचौलियों को खत्म करना,
- और हर नागरिक को उसका हक सुरक्षित रूप से देना।
अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों पर आधारित है। राशन कार्ड से जुड़े नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।
सटीक और ताज़ा जानकारी के लिए अपने राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ या नज़दीकी राशन कार्यालय से संपर्क करें।










